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वैशाली: लंबे वर्षों से जाति आधारित जनगणना की मांग की जा रही थी. इसके पीछे मुख्य वजह समाज का बहुसंख्यक तबका अनुसूचित जाति,

अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक तथा पिछड़ों की स्थिति की सही जानकारी इकट्ठा करना रहा ताकि संविधान में वर्णित नीति निदेशक तत्वों

को ठीक ढंग से लागू करने के साथ ही संविधान के मौलिक आदर्शों को स्थापित किया जा सके. बता दें कि बिहार में जाति आधारित जनगणना का काम शनिवार को शुरू हो गया.

इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा-प्रथम चरण में 7 जनवरी से 21 जनवरी के बीच मकानों और परिवारों की गिनती का काम होगा जबकि दूसरे चरण की शुरुआत अप्रैल माह में की जाएगी.

इसके अंतर्गत जाति आधारित जनगणना के साथ ही आर्थिक स्थिति से जुड़े आंकड़ों कोही इकट्ठा किया जाएगा.

इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से सीएम नीतीश कुमार वैशाली जिले के गोरौल स्थित हरसेर गांव पहुंचे जहां

उन्होंने शिव शरण पासवान तथा मनोज पासवान के घर के पास लगे खंभे पर 1 लिखकर इस जनगणना की शुरुआत किया.

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