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गोरखपुर: प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीएम सिटी में लोक निर्माण विभाग में व्याप्त निरंकुश भ्रष्टाचार, नाबालिग व फर्जी नियुक्ति, अपात्र पद परिवर्तन, निराधार सेवा पुस्तिका

के साथ-2 बगैर सेवा पुस्तिका सत्यापन के संगठित आरोपी लोक सेवकों द्वारा बेखौफ वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध को वर्षवार अंजाम दिया जा रहा है.

इनकी कारगुजारियों का खुलासा प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक ने अपने दायित्वों के अनुकूल वर्षवार लेखा परीक्षण रिपोर्ट में सार्वजनिक किया है.

सम्पूर्ण प्रकरण पर व्यवस्था के पोषकों की अब तक की उपेक्षा व खामोशी यक्ष प्रश्न के रूप में दिख रही है जिसके उत्तर व निष्कर्ष को जनसामान्य में

सार्वजनिक करने और भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध दंडात्मक व अनुशासनात्मक कार्यवाही कराए जाने के उद्देश्य से ‘तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन’ के

प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित प्रेषित ज्ञापन पर कार्यवाही की मांग पर 463 दिनों से सत्याग्रह संकल्प कर रहा है किन्तु हैरानी का विषय यह है कि व्यवस्था के पोषक अब तक मूकबधिर दर्शक बने हुए हैं.

सत्याग्रह कार्यक्रम में उपस्थित उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश द्विवेदी, संरक्षक डॉ पीएन भट्ट, संरक्षक डॉक्टर गोविंद पांडे पर्यावरणविद एवं प्रवक्ता मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, विशिष्ठ अतिथि डॉ0 जेपी नायक,

वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, नदीम अजीज, विशाल सिंह, सुधीर कुमार पांडे, शंकर नाथ, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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