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मिली सूचना के मुताबिक 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे पिछले कई वर्षों से राजनीति में आने के लिए लालायित थे. किंतु जब-तब इनके साथ कुछ ना कुछ अड़चनें आती रही हैं.

अभी वर्तमान समय में इन्होंने बिहार राज्य से डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जेडीयू के टिकट पर विधानसभा का चुनाव बक्सर सीट से लड़ने के लिए तैयार थे.

लेकिन यह संभावना भी उस समय खत्म हो गई जब भाजपा ने बक्सर सीट से परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार के तौर पर घोषणा कर दिया.

इससे बिहार में फिर से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है. इस घोषणा से सोशल मीडिया में उनके चाहने वाले प्रशंसकों को एक गहरा झटका लगा है.

अपनी निराशा को गुप्तेश्वर पांडे ने भावनात्मक पोस्ट के द्वारा व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने समर्थकों से धैर्य धारण करने की अपील किया है.

मैं जीवन भर जनता की सेवा करता रहूंगा और मेरा जीवन बिहार की जनता को समर्पित है अपने जनवरी बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी छोटे बड़े भाई बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छूकर प्रणाम अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें.

उनके इस पोस्ट पर चुटकी लेते हुए विवेकानंद ने कमेंट किया है कि- “आप तो बोल रहे थे 15 सीट से कहीं से भी निर्दलीय चुनाव में जीत हासिल कर सकता हूं तो आजमा लीजिए नीतीश कुमार का आप बहुत गुणगान कर रहे थे.”

वही राजन मिश्रा ने लिखा है कि-” हिम्मत है तो निर्दलीय लड़िए सर समाज आपके साथ में है. नहीं तो राजनीति से संन्यास लीजिए और केवल समाज सेवा कीजिए.”

आपको यहां बताते चलें कि वर्ष 2009 में भी इन्होंने लोकसभा चुनाव के समय वीआरएस लेने की घोषणा किया था किंतु उन्होंने टिकट न मिलने के कारण उन्होंने अपना वीआएस वापस ले लिया था.

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