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संसद में अपने समापन भाषण के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चौकाने वाला बयान देते हुए बताया कि- 1975 में बांग्लादेश के स्नस्थापक और उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या

करने के बाद यहाँ के पूर्ववर्ती तानाशाहों ने अपना प्रभाव लम्बे समय तक बनाये रखने के लिए जनता में गलत और अनैतिक आदतों को बढ़ावा देने कार्य किया.

अपनी बातों को रखने के क्रम में हसीना ने कहा कि अतीत में लोग एक विचारधारा और नीति का आचरण करते हुए जीवन जीते थे किन्तु सैन्य तानाशाहों ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाये रखने के लिए उनके चरित्र को बिगाड़ दिया.

सत्ता प्राप्त करने के बाद इन लोगों ने जनता को सिखाया कि कैसे भ्रष्टाचार किया जाये अधिक से अधिक काला धन अर्जित किया जाये बैंकों से ऋण लेकर उसे वापस न करें जिससे वह एनपीए में तब्दील हो जाये.

यही वजह है की समाज प्रदूषित हुआ और चहुँओर अनावश्यक चुनौतियाँ खड़ी हुई किन्तु अब हम सरकार में हैं और इन सभी प्रकार की समस्याओं के निदान करने के लिए कोशिश कर रहे हैं,

अतः हम देश को निरंतर आगे ले जाने के लिए प्रयासरत हैं. आपको यहाँ बता दें कि हसीना ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब नेता प्रतिपक्ष गुलाम मोहम्मद कादर ने स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्र में हुए भयानक भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है.

यद्यपि एक बड़ी सच्चाई यह है कि कादर भी पूर्व सैन्य शासक हुसैन मुहम्मद इरशाद के भाई हैं.

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