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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा लीक और आरओ/एआरओ पर्चा लीक के ख़िलाफ़ और दुबारा परीक्षा करवाने की मांग को लेकर

‘दिशा छात्र संगठन’ की ओर से गोरखपुर विश्वविद्यालय मुख्य गेट पर प्रदर्शन करते हुए  बिस्मिल तिराहे तक पैदल मार्च निकाला गया.

इस प्रदर्शन में बात रखते हुए दिशा छात्र संगठन की अंजलि ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPPB) द्वारा

17 और 18 फ़रवरी को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा करायी गयी है. “कड़े क़ानून” के तमाम जुमलों के बीच यह पेपर भी लीक हो गया है.

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही पर्चा लीक हो चुका है. आज एक्स (ट्विटर) पर लाखों छात्र एक्स (ट्विटर) ट्रेण्ड चलाकर इसकी जाॅंच करवाने की माँग कर रहे हैं.

बता दें कि पर्चा लीक होने की यह कोई पहली घटना नहीं है‌. अभी हफ़्ते भर पहले 11 फ़रवरी को RO-ARO का पर्चा भी लीक हो गया था.

पिछले 7 वर्षों में 70 से ज़्यादा पेपर लीक हो चुके हैं. यह बात भी समझने की जरूरत है कि पर्चा लीक या धाँधली आम छात्रों के बस की बात नहीं है‌.

सच्चाई यह है कि बिना नेताओं, अधिकारियों, शिक्षा माफ़ियाओं की मिलीभगत के इस तरह का कोई भ्रष्टाचार का तन्त्र पनप ही नहीं सकता.

देश के नौजवान 10/10 के दड़बे जैसे कमरे में अपनी नौजवानी इस उम्मीद में गुज़ार देते हैं कि भर्ती आयेगी और नौकरी मिलेगी तो अपना और देश का भविष्य सवारेंगे.

आज देश में 33 करोड़ से ज़्यादा नौजवान बेरोज़गारी में धक्के खा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ सरकारी विभागों में 60 लाख से ज़्यादा पद खाली हैं.

लेकिन इन पदों पर भर्ती निकालने के बजाय सरकार या तो इन पदों को समाप्त कर दे रही है या ठेके संविदा पर काम करवा रही है.

चुनाव के दबाव में या छात्रों के आन्दोलन की वजह से भर्तियां निकलती भी हैं तो ऊंट के मुँह में जीरे के बराबर भी नहीं होती.

RO-ARO की 411 सीटों के लिए 10 लाख से ज़्यादा फॉर्म डाले थे. पुलिस विभाग में 4.5 लाख से ज़्यादा खाली पद होने के बावजूद

केवल 60 हज़ार पदों पर भर्ती निकाली गयी, जिसके लिए 50 लाख से ज़्यादा फॉर्म डाले गये. इसी तरह रेलवे में लम्बे समय से कोई वेकेंसी नहीं आयी थी

और इस बार चुनाव के दबाव में रेलवे में 2.76 लाख पद ख़ाली होने के बावजूद भाजपा सरकार ने केवल 5697 पदों पर

भर्ती निकालकर युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है. 5-5 साल इन्तज़ार करने के बाद या तो भर्ती नहीं निकलती और अगर निकलती भी है तो पर्चा लीक हो जाता है और मामला हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट अटक जाता है.

किसी तरह से यदि परीक्षा हो भी जाये तो सालों तक परिणाम नहीं आता। पाॅंच साल पहले 16000 शिक्षकों की भर्ती आयी थी,

परीक्षा भी हुई लेकिन अभी तक परिणाम नहीं आया, जिसके कारण लखनऊ के इको गार्डन में छात्रों का आन्दोलन कर रहे हैं.

इसी तरह 2018 में VDO की भर्ती आयी थी, पेपर हुआ लेकिन अभी तक रिजल्ट जारी नहीं हुआ. दरअसल लूट की इस व्यवस्था में बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार अन्तर्निहित है.

दिशा छात्र संगठन मांग करता है कि पेपर लीक मामले की तत्काल जांच करायी जाये, और साथ ही हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जाये.

साथ ही सभी विभागों में खाली पड़े सभी पदों को तत्काल भरा जाये. “भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून”

पारित करके सबको पक्के रोज़गार की गारण्टी की जाये. प्रदर्शन में अदिति, भरत, धनंजय, धर्मराज, चन्दा , प्रीति, अविनाश, अम्बरीष आदि शामिल हुए.

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