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खिरिया की बाग (आजमगढ़): ‘जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा’ के तत्वाधान में हो रहे धरने ने 277 वें दिन भी धरना जारी रहा.

धरने में एयरपोर्ट विस्तारीकरण बहाना है, जमीन लूट निशाना है, एयरपोर्ट का विस्तारीकरण रद्द करो, विस्तारीकरण के नाम पर जमीन लूट नहीं चलेगा,

कौन बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान, पहले लड़े थे गोरों से-अब लड़ेंगे चोरों से, जमीन हमारी आपकी-नहीं किसी के बाप की,

जुल्मी जब-जब जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से, चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के मास्टर प्लान रद्द होने का लिखित आश्वासन दो आदि नारे गूंजते रहे.

ग्रामीणों ने गीतों के माध्यम से भी एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध किया जिसमें वक्ताओं ने कहा कि शासन सत्ता के सभी पायदान पर

अपनी मांगों को निरंतर भेजा है लेकिन जन-उपेक्षा और न्यायिक लापरवाही के चलते अभी तक कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है.

अब तक डीएम, एसडीएम, एडीएम आदि जिला प्रशासन तथा धरनारत ग्रामीणों के बीच छह बार सौहार्दपूर्ण वार्ता बैठकें भी हो चुकी हैं. 

किन्तु प्रशासन की तरफ से आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण परियोजना निरस्त होने का सिर्फ मौखिक आश्वासन मिला है, लिखित नहीं.

14 फरवरी, 2023 को अधिकारप्राप्त एसडीएम सगड़ी, आजमगढ़ द्वारा और यहां तक कि क्षेत्रीय सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 

भी प्रेस वार्ता के जरिए जनता दरबार में मौखिक आश्वासन दिया गया था कि अब आजमगढ़ एयरपोर्ट केवल घरेलू उड़ान के लिये ही बनेगा, उसका विस्तारीकरण नहीं होगा.

लेकिन सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 9 जून, 2023 को आजमगढ़ जिलाधिकारी सभागार में और 11 जून, 2023 को आजमगढ़ के आर.एस.एस.के कार्यक्रम में

आकर आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण के लिए मुआवजा का लालच देकर भूमि अधिग्रहण होने देने की उल्टी बात करने लगे यानि अपने पुराने बयान से ही पलट गए.

भाजपा जनप्रतिनिधि द्वारा जनता के साथ झूठ बोलने और घात-प्रतिघात करने का एक और उदाहरण सामने आ चुका है.

देशभर के ढेरों उदाहरणों की रोशनी में जनता समझ चुकी है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर सरकार जमीन अधिग्रहित करके कारपोरेट पूंजीपतियों को सौंप देगी, इससे आम जनता का कोई भला नहीं होगा.

पिछले 15 सालों से 104 एकड़ जमीन घरेलू उड़ान के लिए अधिग्रहित किया गया लेकिन आज तक कोई घरेलू उड़ान नहीं कराया जा सका है.

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार, यदि भूमि के अधिग्रहण के बाद 5 वर्षों के अंदर सरकार या संबंधित कंपनी द्वारा उसका उपयोग नहीं किया जाता है तो उसका अधिकार भू-मालिक को पुनः वापस कर देने का कानून है.

ऐसे में 15 वर्षों में देश की जनता की कितने करोड़ों-अरबों की पूंजी और जमीन को लगा-फंसाकर जनता और राष्ट्र की क्षति की गई है जिसका आज तक कोई उपयोग नहीं किया गया, यह एक अलग जांच का विषय है.

धरना के 9 माह की लंबी अवधि पूरा करने के बाद सरकार का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए हमारी अब बाध्यता बन चुकी है कि ‘संयुक्त किसान मोर्चा’

द्वारा 9 अगस्त, 2023 को भारत छोड़ो दिवस के अवसर पर राष्ट्रव्यापी आह्वान ‘कारपोरेट भारत छोड़ो, खेती छोड़ो’ नारों के साथ हम भी

कार्पोरेट घरानों के पक्ष में हो रहे एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर भूमि अधिग्रहण रोकने के लिए लिखित शासनादेश जारी नहीं करने पर डीएम आजमगढ़ कार्यालय के सामने दिनांक 9 अगस्त, 2023 को एक दिवसीय धरना देंगे.

आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना रद्द होने के लिखित शासनादेश नहीं मिलने के कारण ग्रामीण अपना धरना जारी रखने को मजबूर हैं.

शासन की हठधर्मिता के कारण हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों और मूल्यों की अहवेलना हो रही है. हम शांतिमय धरनारत ग्रामीणों की धैर्य की सीमा की कठिन परीक्षा ली जा रही है.

इसीलिए धरनारत ग्रामीण जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को निश्चय किया है. इस स्तर पर पहुंचने लिये शासन जिम्मेदार होगा.

धरने को रामनयन यादव, नरोत्तम यादव, नकछेद राय, तुफानी पासवान, हरिहर, दुखहरन राम, फूलचंद, तूफानी सरोज, फूलमती, नीलम, सोहागी, सुशीला, शकुंतला आदि ने सम्बोधित किया.

 

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