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रायपुर: ‘छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन’ से जुड़े विभिन्न जन संगठनों द्वारा वन अधिकार कानून, पेसा, खनन, आदिवासी अधिकार,

भूमि अधिग्रहण तथा सामाजिक न्याय से जुड़े अनेक मुद्दों पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव से विस्तार से चर्चा की गई.

इस चर्चा में इन संगठनों द्वारा विशेष रूप से वन अधिकार के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुनः रूप रेखा सुझाई गई तथा पेसा के ज़मीनी अनुपालन के लिए

आवश्यक क़ानूनी संभावनाओं पर सरकारी पहल करने की जरूरत पर बातचीत हुई. इन संगठनों ने बस्तर में शांति और सद्भावना के लिए

सरकार द्वारा किए गए नाकाफी प्रयासों पर चिंता ज़ाहिर की और बस्तर में बढ़ते सैन्यीकरण के चलते स्थानीय लोगों के अधिकारों के हनन के ख़तरों से भी उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया.

नागरिक समाज की ओर से उन्होंने उपमुख्यमंत्री से यह अपेक्षा साझा किया कि बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में भाजपा-संघ के बढ़ते सांप्रदायिक हमले पर सरकार त्वरित हस्तक्षेप करे. 

सभी जन संगठनों की तरफ़ से यह माँग की गई कि पेसा को लेकर एक सुसंगत राज्य स्तरीय क़ानून बनाया जाना चाहिए ताकि पेसा को उसकी मूल भावना के अनुरूप धरातल पर लागू किया जा सके.

इसी तरह भारतीय वन अधिनियम में औपनिवेशिक विसंगतियों को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ को राज्य वन अधिनियम बनाने का सुझाव भी साझा किया गया.

बैठक में शामिल संगठनों ने प्रदेश में सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हित में सरकार की नीतियों को

लागू करने के लिए राज्य स्तर पर लगातार संवाद किए जाने की ज़रूरत पर बल दिया. इन संगठनों ने उपमुख्यमंत्री को विशेष रूप से धन्यवाद दिया कि

एक लंबे अंतराल के बाद सरकार द्वारा नागरिक संगठनों से संवाद की प्रक्रिया शुरू की गई है. साथ ही यह संवाद आगे भी जारी रहेगा, ऐसी अपेक्षा व्यक्त किया.

इस बैठक में एकता परिषद से रमेश भाई, जन वन अधिकार मंच से केशव शोरी व इंदु नेताम, केबीएसएस कांकेर से अश्विनी काँगे,

दलित आदिवासी मंच से देवेंद्र बघेल, छत्तीसगढ़ वन अधिकार मंच से विजेंद्र अजनबी, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से आलोक शुक्ला, माटी कांकेर से शालिनी गेरा,

भारत जन आंदोलन से बिजय भाई, छत्तीसगढ़ किसान सभा से संजय पराते, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संगठन सरगुजा से गंगाराम पैकरा,

जीवन बचाओ समिति गरियाबंद से बेनीपुरी गोस्वामी, केशव गुरनुरे व शरद लेले, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति से रामलाल कारियम, जन संघर्ष समिति जशपुर से हेमंत लकड़ा आदि उपस्थित थे.

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