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वैश्विक स्तर पर भुखमरी से लड़ने तथा खाद्य सुरक्षा को पुख्ता करने वाली संस्था को इस वर्ष नोबेल का शांति अवार्ड ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ को दिया गया है.

इस पुरस्कार को ग्रहण करते हुए डब्ल्यूएफपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डेविड विजली ने कहा कि- “यह कल्पना करना असंभव है कि 400 ईसवी में रोम शहर में भी अकाल की वजह से पूरी आबादी के 90% लोग मारे गए थे. उसी समय रोमन एंपायर के पतन की शुरुआत हुई.”

सवाल यह है कि पतन की वजह से अकाल हुआ या अकाल की वजह से पतन, मेरे विचार में दोनों का जवाब हां है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डेविड विजली ने बताया कि-

“इस धनी, आधुनिक तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में यह कल्पना करना भी असंभव है कि हम उसी तरह के अकाल की ओर बढ़ रहे हैं. आज मेरा कर्तव्य है कि मैं कहूं कि अकाल मानवता की दहलीज पर आ चुका है तो यह गलत नहीं होगा.”

पड़ने वाले अकाल को रोकने में विफल होने पर कई जाने जाएंगी और बड़ी तबाही देखने को मिलेगी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा से ही हम आने वाली विकट समस्या को चिन्हित करके लड़ने में सफल हो पाएंगे.

उन्होंने नोबेल समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी संस्था खाद्य सुरक्षा के संबंध में और बेहतर करने की कोशिश करेगी. आपको यहां बताते चलें कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम विश्व का सबसे बड़ा संगठन है

जो भूखमरी के खिलाफ खाद्य सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करता है तथा मानवीय मदद उपलब्ध कराता है. यह  संयुक्त राष्ट्र का खाद्य कार्यक्रम भी है जिसका मुख्यालय रोम में स्थित है.

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