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ऑनलाइन मलयालम समाचार पोर्टल ‘एझीकुमम’ के लिए काम करने वाले जाने-माने पत्रकार जो केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जनरलिस्ट से भी जुड़े हुए हैं,

जब वह उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस में घटने वाली घटना 19 वर्षीय दलित लड़की मनीषा वाल्मीकि की ग्राउंड रिपोर्टिंग तथा उसके परिजनों से मिलने के लिए आ रहे थे,

तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें तीन अन्य पत्रकारों अतीक उर रहमान, मसूद अहमद और आलम के साथ हाथरस टोल प्लाजा पर गिरफ्तार कर लिया है.

आपको यहां बताते चलें कि यह पत्रकार ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) से जुड़े हुए हैं जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिबंध लगाना चाहते हैं.

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इस विषय में कप्पन के परिजनों ने कहा है कि इनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी और असंवैधानिक है क्योंकि इसमें पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में डाली गई ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका’ को नजरअंदाज किया है.

केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट से अपील किया है कि कप्पन को अवैध हिरासत से तत्काल मुक्त कराया जाए.

याचिका में यह भी बताया गया है कि गिरफ्तारी एक पत्रकार के द्वारा उसके कर्तव्य निर्वहन में यह गिरफ्तारी बाधा डालने का कार्य कर रही है.

पुलिस ने बताया है कि पत्रकार के पास से जो चीजें-मोबाइल फोन, लैपटॉप और साहित्य बरामद की गई हैं उससे राज्य में अशांति और अव्यवस्था पर फ़ैल सकती है, इसी वजह से इस पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है.

 

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