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प्राप्त जानकारी के मुताबिक डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में तुर्की दूतावास के सामने कुरान की प्रतियों के जलाए जाने की खबर मिली है.

इस घटना को लेकर इस्लामिक देशों ने कड़ी निंदा करते हुए अपना रोष व्यक्त किया है. सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने कहा कि

“संवाद सहिष्णुता और सम्मान के मूल्यों को मजबूत करने तथा नफरत व उग्रवाद फैलाने वाली प्रत्येक चीज को खारिज करने की जरूरत है.”

बताते चलें कि रासमस पलदून जो इस्लाम विरोधी नेता के रूप में अपनी पहचान रखता है, ने कुरान की प्रतियों को जलाते हुए कहा कि

वह प्रत्येक शुक्रवार को ऐसे ही कुरान की प्रतियां जलाता रहेगा जब तक कि स्वीडन देश को नाटो की सदस्यता नहीं मिल जाती है.

क्योंकि स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने की राह में तुर्की सदैव रोड़े अटकाता रहा है, जिसके विरोध में पलुदन ने इस घटना को अंजाम दिया है.

‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने चरमपंथी दक्षिणपंथी समूह द्वारा बार-बार उकसाने की निंदा की जा रही है.

ओमान ने कहा है कि रमजान के महीने में चरमपंथी विचारों को प्रोत्साहित करने वाले सभी कृतियों का अपराधीकरण किया जाना चाहिए.

जबकि कतर ने कहा है कि रमजान के पवित्र माह में ऐसा कृत अरब से अधिक मुस्लिमों की भावनाओं के लिए उकसावे की तरह है.

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