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BY-THE FIRE TEAM


पश्चिमी अफ्रीका का ऐसा इलाका जो लगभग 6000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है, वह समुद्री लुटेरों के लिए स्वर्ग माना जाता है.

यहाँ के हिस्से में पड़ने वाले देशों में भ्रस्ट, अस्थिर सरकारों के कारण इनको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संरक्षण मिलता है जिसकी वजह से इस खाड़ी में भयंकर लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है.

आपको बताते चलें की गुयाना की खाड़ी से बड़ी संख्या में जहाजों के बेड़े इससे गुजरते हैं जिससे समुद्री लुटेरों (पाइरेट्स) को मौका मिलता है.

ये पाइरेट्स पानी के जहाजों को अपहरण और लूट के जरिए अपना शिकार बनाते हैं और तत्पश्चात करोड़ों, अरबों की फिरौती राशि भी संबंधित देशों से वसूलते हैं.

किसी समय में पूर्वी अफ्रीका में ऐसी समस्याएं व्याप्त थीं किन्तु जब उनके शिकार की जद से विकसित देश भी नहीं बचे तो इन देशों ने संयुक्त सैन्य अभियान चलाकर उनका सफाया कर दिया.

ये मुख्यतः सोमालिया वाले क्षेत्रों में सक्रिय थे, वर्तमान में अब गुयाना की खाड़ी में इस तरह की समस्याएं पैदा हो चुकी हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक इस समुद्री इलाके में पाइरेट्स के कई समूह क्रियाशील हैं जिनके तार अनेक नेताओं, पुलिस और नौसैनिक अधिकारियों से जुड़े हैं.

क्योंकि, ऐसा बताया जाता है कि फिरौती का एक बड़ा हिस्सा उनको भी पहुँचाया जाता है. चुँकि अफ्रीका के पश्चिमी देशों में बड़ी गरीबी, बेरोजगारी, कमजोर अर्थववस्था व्याप्त है जिसके कारण पढ़े-लिखे युवा भी इस जरायम की दुनिया में शामिल होते जा रहे हैं.

ये युवा तकनीकी दक्षता और इंटरनेट प्रयोग माहिर हैं. इंटरनेशनल रिपोर्ट्स कहती है कि 2007 से 2019 के बीच सोमालिया दुनिया में समुद्री लूटपाट के लिए बहुत कुख्यात था किन्तु अब यह नियंत्रण में है.

 

 

 

 

 

 

 

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