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लखनऊ: पुलिस महकमा के लिए यह खबर डरावनी है क्योंकि ऐसे नकारा तथा दागी पुलिसकर्मियों पर योगी सरकार की सख्त कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया है.

इस संबंध में बताया जा रहा है कि 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पुलिसकर्मियों का ट्रैक रिकॉर्ड स्क्रीनिंग के आधार पर तय किया जाएगा.

एडीजी स्थापना संजय सिंघल की ओर से सब सभी आईजी रेंज, एडीजी जोन, सभी 7 पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ पुलिस विभाग के सभी विभागों को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है.

इसके अंतर्गत 30 नवंबर तक 50 वर्ष से अधिक के पुलिस जवानों को अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट देने का फैसला लिया जाएगा.

बताते चलें कि पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता, व्यवहार, चरित्र और योग्यता को आधार बनाकर एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट तैयार की जाती है. 

यही पैमाना नौकरी में बने रहने तथा सेवानिवृत करने के लिए अपनाया जाएगा. दरअसल  पुलिसकर्मियों की कार्यशैली में बदलाव के लिए योगी सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. 

किंतु आपको याद दिलाते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जा रही हो.

इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में तमाम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दिया गया है.  सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि

इसके द्वारा अक्षम अफसरों और कर्मचारियों को हटाकर काबिल अधिकारियों को जिम्मेदारी देकर प्रशासन को दुरुस्त करना, इस फैसले की मुख्य वजह है.

फिलहाल यह निर्णय अपना क्या परिणाम दिखाएगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा किंतु इतना जरूर है कि इस फैसले से पुलिसकर्मियों में हंगामा मचा हुआ है.

 

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