अपराध नियंत्रण और मानवाधिकार के मायने!

BY-PRATHAM KUMAR NIGAM किसी व्यवस्था को सुचारू एवं सतत रूप से संचालित करने के लिए एक सामाजिक समझौते का वहां की जनता एवं सत्ता के...

राजनीतिक सत्ता से बड़ी ना कोई विचारधारा ना ही कोई बिजनेस

BY-PUNYA PRASUN BAJPAI क्या राजनीतिक सत्ता का खेल अब इस चरम पर पहुंच गया है, जहां देश में हर विचार सत्ता के लिये है। और...

‘ना गुजरात दंगों में बीजेपी थी ना सिख दंगों में कांग्रेस रही”

BY- Punya Prasun Bajpai बात 28 फरवरी 2002 की है । बजट का दिन था । हर रिपोर्टर बजट के मद्देनजर बरों को कवर करने दफ्तर...

वर्तमान में मंडल आयोग की प्रासंगिकता

BY- Saeed Alam जनता पार्टी की सरकार ने 1979 में बी पी मंडल की अध्यक्षता में मंडल आयोग का गठन किया,  जिसका मुख्य कार्य सामाजिक...

राजनीति में बौद्धिक ह्रास का बड़ा कारण विचारधाराओं के प्रति अज्ञानता है —जयपाल रेड्डी

  वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का यह बयान वाकई ध्यान खींचता है क्योंकि आज देश में जिस  कदर से राजनीतिक...

‘हिन्दू अदालत’ की मुख्य न्यायाधीश के महात्मा गांधी विवादित बयान पर दर्पण कटाक्ष।

BY-Shobhit Awasthi शरीयत कोर्ट से प्रेरणा लेकर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने हिन्दू न्यायालय का गठन किया है। जिसकी नवीन मुख्य न्यायाधीश श्रीमती डॉ शकुन...

केरल बाढ़ पर पाखंड क्यों?

By-Salman Ali आजकल सोशल मीडिया पर केरल बाढ़ को लेकर एक अलग नजारा देखने को मिल रहा है। प्रत्येक घटना की तरह केरल की इस...

कुंठित समाज में स्त्री की दशा!

By-श्वेता चौधरी डॉ अम्बेडकर के अनुसार किसी भी देश की आर्थिक व सामाजिक स्थिति को जानना हो तो वहां की महिलाओं की स्थिति से पता...

सुप्रीम कोर्ट का केरल बाढ़ पर फैसला: जल्द से जल्द मुल्लापेरियार डैम का पानी...

उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए मुल्लापेरियार डैम पर निर्णय की खास जानकारी दे रहे हैं; डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्र - अनुराग...

अटल बिहारी वाजपेयी: किसी को श्रद्धांजलि देते वक़्त हम पाखंड क्यों करने लगते हैं

BY विनोद दुआ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का देहांत हो...
Translate »
error: Content is protected !!