मिली जानकारी के अनुसार चीन की सीमा से लगे खबरोस्क शहर के लोकप्रिय गवर्नर सर्गेई फर्गल की गिरफ़्तारी के विरोध में रूस की राजधानी मास्को सहित दूसरे प्रांतों में भी राष्ट्रपति पुतिन
के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग विरोध का नारा लगाते नजर आये. इन प्रदर्शनकारियों ने पुतिन के प्रति रोष जताते हुए लगातार प्रदर्शन करते हुए इस्तीफे की मांग किया है.
यदि इस विवाद के केंद्र में जाकर कारणों की पड़ताल करें तो ज्ञात होता है कि ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के सदस्य सर्गेई फर्गल ने वर्ष 2018 में क्रेमलिन समर्थित प्रत्याशी को चुनाव में बुरी तरह पराजित कर दिया था.
इसके अलावे पुतिन द्वारा संविधान में किया गया संशोधन भी एक बड़ी वजह उभरकर सामने आई है जिसके कारण लोगों में गुस्सा व्याप्त है. आपको यहाँ बताते चलें कि-
पुतिन पर ऐसा आरोप है कि उन्होंने खुद को वर्ष 2036 तक सत्ता का मुखिया बनाये रखने के लिए इस तरह का बदलाव संविधान में लाया है.
यद्यपि रूस के लोग निरंतर बदलाव के पक्षधर हैं और इसीलिए इन लोगों ने जनमत संग्रह के अंतर्गत डाले गए मतों में हिस्सा लिया ताकि देश को एक नए बदलाव की ओर मोड़ा जा सके.
किन्तु अपनी पहुँच और ताकत के बल पर पुतिन ने सब कुछ उलट दिया और स्वयं को सर्वेसर्वा घोषित कर दिया. इसी कारण से लोग दस से बारह हजार की संख्या में पुतिन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
यदि ऐसा ही चलता रहा तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुतिन की छवि धूमिल हो सकती है.