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BY-THE FIRE TEAM


चीन के वुहान शहर से जिस कोरोना वायरस का डर दुनिया के अलग-अलग देशों के लोगों में फैला था, उससे अभी लोगों को पूरी तरह छुटकारा भी नहीं मिल पाया था कि पुनः एक अन्य वायरस का भय भी सताने लगा है.

मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना से लड़ने के लिए वैज्ञानिकों ने अनेक उपाय ढूँढ लिए हैं, हालाँकि ये उपाय महज रोकथाम के दृष्टिकोण से ही महत्तवपूर्ण है यानि बचाव ही इस वायरस का बड़ा हथियार है.

इस वायरस के खतरे को इसी से महसूस किया जा सकता है कि अब तक लगभग 85 देशों में यह वायरस दस्तक दे चुका है जिनमें चीन, इटली, ईरान और दक्षिण अफ्रीका अधिक प्रभावित हैं.

इसकी वजह से अभी तक 97000 हजार से भी ज्यादे लोग चपेट में आ गए हैं. इसके अलावे 3300 से भी अधिक लोगों की जिंदगियां समाप्त हो चुकी हैं. इस बीमारी के बढ़ते खतरे का अंदाजा लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने तो सेना को भी आदेश दे दिया है ताकि वक्त आने पर इसका कड़ा मुकाबला किया जा सके.

कोरोना वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेंटागन में एक वैश्विक सम्मेलन भी कराया गया और इसमें अनेक वैज्ञानिकों ने हिस्सा लेकर अपनी-अपनी राय रखी. इस संबंध में अमेरिका के ‘सेंटर फॉर इन्फेक्टियस डिजीज’

के प्रमुख डॉक्टर नेल्सन माइकल और उनके साथियों ने एक अन्य राय रखते हुए बताया कि- यद्यपि हम अगले माह तक इस बीमारी पर नियंत्रण स्थापित कर लेंगे किन्तु आने वाली सर्दियों में इस वायरस के अन्य वेब (सेकेंड वेब) का भी सामना करना होगा.

यह वायरस गर्मी की तुलना में सर्दी के मौसम में इनको पनपने का अनुकूल वातावरण मिलता है जिससे अधिक सक्रिय हो जाता है.

 

 

 

 

 

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